गीता सूत्र –10.22
वेदानां सामवेदः अस्मि देवानाम् अस्मि वासवः/
इन्द्रियाणाम् मनः च अस्मि भूतानाम् अस्मि चेतना//
प्रभु श्री कृष्ण कह रहे हैं-----
वेदों में सामवेद देवताओं में वासव , इंद्रियों में मन और भूतों के अंदर चेतना मैं हूँ /
गीता सूत्र –10.35
बृहत्साम तथा साम्नां
प्रभु श्री कृष्ण कह रहे हैं------
सामवेद के गीतों में बृहत्साम गीत मैं हूँ //
कुछ बातें ऊपर के सूत्रों के सन्दर्भ में ….........
सामवेद की क्या विशेषता है ?
सामवेद के गीतों में बृहत्साम गीत क्या है ?
इंद्रियों में मन की क्या स्थिति है ?
चेतना , बुद्धि एवं मन में क्या सम्बन्ध है ?
ऊपर के उठाये गए प्रशों को अगले अंकों में देखनें का प्रयाश किया जाएगा तबतक आप और हम
अपनी - अपनी बुद्धि को प्रभु श्री कृष्ण पर केंद्रित करते हैं //
===== ओम् ========
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