Friday, February 17, 2012

शांति गीता से संभव है

गीता सूत्र –10.22

वेदानां सामवेदः अस्मि देवानाम् अस्मि वासवः/

इन्द्रियाणाम् मनः च अस्मि भूतानाम् अस्मि चेतना//

प्रभु श्री कृष्ण कह रहे हैं-----

वेदों में सामवेद देवताओं में वासव , इंद्रियों में मन और भूतों के अंदर चेतना मैं हूँ /

गीता सूत्र –10.35

बृहत्साम तथा साम्नां

प्रभु श्री कृष्ण कह रहे हैं------

सामवेद के गीतों में बृहत्साम गीत मैं हूँ //

कुछ बातें ऊपर के सूत्रों के सन्दर्भ में ….........

  • सामवेद की क्या विशेषता है ?

  • सामवेद के गीतों में बृहत्साम गीत क्या है ?

  • इंद्रियों में मन की क्या स्थिति है ?

  • चेतना , बुद्धि एवं मन में क्या सम्बन्ध है ?

ऊपर के उठाये गए प्रशों को अगले अंकों में देखनें का प्रयाश किया जाएगा तबतक आप और हम

अपनी - अपनी बुद्धि को प्रभु श्री कृष्ण पर केंद्रित करते हैं //

===== ओम् ========



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