Monday, March 26, 2012

गरुण पुराण अध्याय चार भाग एक

गरुण जी का तीसरा प्रश्न

हे प्रभु ! आप मुझे यह बतानें की कृपा करें कि मनुष्य किम – किन कर्मों के कारण यम मार्ग से यात्रा करते हुए वैतरणी नदी में गिरता है और बिभिन्न नरकों से गुजरता है ?

प्रभु कहते हैं

शुभ कर्मों के निंदक नरक गामी होते हैं और प्रभु आगे बताते हैं …....

यमपुर में प्रवेश के चार द्वार हैं पूर्व , पश्चिम एवं उत्तर द्वारों से धर्मात्मा प्राणी प्रवेश करते हैं और दक्षिण द्वार पापियों के लिए बना हुआ है / दक्षिण द्वार से जो प्रवेश करते हैं उनको वैतरणी नदी पार करनी होती है /

ब्राह्मण की हत्या करनें वाले,शराब पीनें वाले,गो हत्या करनें वाले,बाल हत्यारे,स्त्री हत्या करनें

वाले,छिपकर पाप करनें वाले,विश्वासघाती,घन की चोरी करनें वाले,कर्ज ले कर उसको वापिस न करनें वाले,निंदक,माँ-पिता,गुरु एवं आचार्यों का अपमान करनें वाले,ब्राहमण हो कर घी,तेल जैसे पदार्थों का ब्यापार करनें वाले,ब्राहमण हो कर जी संध्या,पूजा एवं पथ नहीं करता,शुद्र जो वेद पढता हो,शुद्र जो ब्राहमण स्त्री के संग ब्याह रचाता हो,वह जो राजा की रानी को चाहता हो,ऐसे लोग नरक की यात्रा करते हैं/

आगे का विस्तार अगले अंक में

====ओम्==========










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