Sunday, March 4, 2012

गरुण पुराण अध्याय एक अगला भाग

अध्याय एक के अगले अंश में प्रभु श्री विष्णु भगवान श्री गरुण जी को बता रहे हैं----------

हे गरुण!

यम दूत मृतक को नरक के बिभिन्न यातनाओं को दिखाते हैं और इस कार्य में99000 योजन की यात्रा करनी पड़ती है[ एक योजन= 16.4 Kms ] / वह जीव यम का दर्शन करता है और यम के आदेश से उसे पुनः मृत्यु लोक में ले आया जाता है/ मृत्यु लोक में उनके परिजन लोग जो भी कुछ मृतक के आत्मा की शांति के लिए जो भी कुछ करते हैं वह सब बेकार जाता है, वह आत्मा शांत नहीं हो पाता और पुनः यमलोक चला जाता है/

ऐसे मृतक जिनका पिंडदान आदि शास्त्रों के नियम से नहीं किया जाता वे एक कल्प प्रेत योनि में पड़े रहते हैं [ चार युगों को मिला कर एक कल्प होता है , ब्रह्मा का एक दिन = 1000 x चार युगों की अवधि , ब्रह्मा का दिन एवं रात बराबर समय के होते हैं , ब्रह्मा के दिन में जीव होते हैं और रात्रि के आगमन पर वे सभीं अब्यक्त में समा जाते हैं और पुनः जब दिन निकलता है तब सभीं जीव अपनें - अपनें मूल स्वरूपों में प्रगट हो जाते हैं - गीता श्लोक 8.16 , 8.17 ] /

आज इतना ही … ...


=====ओम्=========


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