Saturday, December 21, 2013

भागवत से कुछ सूत्र

भागवत साधना सूत्र - 03
1- भागवत : 1.3 > अज्ञान की बृत्तियाँ - अविद्या , मोह , राग ,द्वेष ,अभिनिवेश ।
2- भागवत : 1.7 > निर्मल मन माया और मायापति का द्रष्टा होता है ।
3-भागवत : 1.6> जिस बस्तुके खानें से जो रोग होता है उस बस्तु में उस रोग की दवा होती है ।
4-भागवत : 1.1 > इन्द्रिय - मन तंत्रकी पहुँच जहाँ तक है उसकी तह में जो होता है वह है प्रभु ।
5-भागवत : 11.19 > तप क्या है ? जिससे कामनाओं का उठाना समाप्त हो ,वह तप है ।
6-भागवत : 4.20 > शुद्ध चित्तकी स्थिति ही कैवल्य है ।
7-भागवत : 4.18 > बुद्धिमान ब्यक्ति भ्रमर जैसा होता है जो सर्वत्र से ज्ञान अर्जित कर लेता है ।
8-भागवत : 2.1> महत्तत्व क्या है ? आत्मा का नाम महत्तत्व है ।
9- भागवत : 2.7 > वैदिक या लौकिक किसी भी शब्द की पहुँच प्रभु तक नहीं ।
10-भागवत : 2.8 > जीवका कोई सम्बन्ध पञ्च भूतों से नहीं लेकिन जीवका शरीर पञ्च भूतों से निर्मित होता है ।
~~ ॐ ~~~

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