Friday, November 29, 2013

कलियुगकी तस्बीर

● भागवत स्कन्ध 12.1● 
सन्दर्भ : अध्याय 1 से 3 तकका सार कुछ इस प्रकार है :--- * परीक्षितसे सन 2013 तकका समयकी गणना भागवत में इस प्रकारसे है :--- 1115+137+185+2013>3450 वर्ष अर्थात महाभारत युद्ध हुए 3450 वर्ष हुए । 
<> भागवत कलि युग की एक तस्बीर प्रस्तुत करते हुए कह रहा है : 
 ● जैसे -जैसे कलियुग गहराता जाएगा वैसे - वैसे सौराष्ट्र , अवंती , आभीर , शूर , अर्बुद और मालव देशके ब्राह्मण संस्कार शून्य हो जायेंगे और वहाँके राजा शुद्र तुल्य होंगे ।
 ● जिसके हाँथ में शक्ति होगी वही धर्म और न्यायकी ब्यवस्था करेगा । 
● ब्राह्मण साधनासे नहीं यज्ञोपवीत और जातिसे पहचानें 
जायेंगे ।
 ● सत्यकी राह पर चलनें वाला अदालतसे न्याय नहीं प्राप्त कर सकेगा। 
● जो ज्यादा बोलेगा उसे महान पंडित समझ जाएगा । 
● गरीबी एक मात्र पहचान होगी असाधुता और दोषी होनें की ।
 ● अधिक वारिश ,सखा , अधिक गर्मी ,अधिक शर्दी , बाढ़का प्रभाव रहा करेगा । 
● छोटे कद के अन्नके पौधे होंगे ।
 ● बिजली अधिक चमकेगी पर वर्षात कम होगी। 
● मनुष्य बिषयी होंगे । 
● स्त्रियोंका कद छोटा होगा । 
● परीक्षित-जन्मके समयका ज्योतिष :- 
^ जब सप्त ऋषि उदय होता है तब पहले दो तारे दिखते हैं । उनके बीच यदि दक्षिण-उतर दिशामें एक रेखा खीची जाए तो अश्वनी आदि नक्षत्रोंमें से एक उस रेखाके मध्यमें दिखता है । उस नक्षत्रके साथ सप्त ऋषि सौ वर्ष रहते हैं । 
 ● परीक्षितके जन्मके समय और मृत्युके समय मघा नक्षत्र था । * पृथ्वीको जीतनेंकी अभिलाषावाले राजाओं पर पृथ्वी हसती है और कहती है :--
 <> ये स्वयं मौतके खिलौनें हैं और मुझे जीतना चाहते हैं , ये बेहोशीमें भाग रहे हैं । 
* कलियुगमें पाखंडी लोग छा जायेंगे और नया -नया पंथ चलाएंगे तथा वेद बचनको तर्कके आधार पर अपनी सोचके अनुरूप प्रकट करेंगे और लोग उनसे प्रभावित भी होंगे। 
~~ ॐ~~~

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