Sunday, November 10, 2013

महावीरका जन्म स्थान वैशाली

● वैशाली - 1 ●
 ° वैशाली एक प्राचीनतम नगर ° 
सन्दर्भ : श्रीमद्भागवत पुराण : स्कन्ध - 9 अध्याय - 1 ,2 , 14 
 <> इस कल्पके प्रारम्भमें ब्रह्माके मनसे मरीचि पैदा हुए , कश्यप ऋषिका जन्म मरीचि से हुआ और कश्यपसे श्राद्ध देव मनु पैदा
 हुए । श्राद्ध देव मनु पुत्र हीन रहे लेकिन यज्ञके माध्यमसे उन्हें पुत्र न प्राप्त हो कर इला नाम की पुत्री प्राप्त हुयी जिसको बसिष्ठ ऋषि सुद्युम्न नामके पुत्रमें बदल दिया लेकिन सुद्युम्न शिव श्रापके कारण पुनः स्त्री रूप में बदल गए । बसिष्ठजी शिवकी आराधना किये और सुद्युम्न एक माह स्त्री तो एक माह पुरुषमें बदल जाया करते थे । 
2- ब्रह्माके दुसरे पुत्र अत्रिसे चन्द्रमाका जन्म हुआ और चन्द्रमासे बुध जन्मे । बुध और स्त्री सुद्युम्न ( इला ) से पुरुरवा का जन्म हुआ । पुरुरवासे चंद्र बंशी क्षत्रियोंका बंश आगे बढ़ा ।सुद्युम्न को स्त्री - पुरुषका जीवन एक दुःखके सिवाय और कुछ न था अतः वे राज्य अपनें पुत्र पुरुरवाको सौप कर तप करनें चले गए । 
3- श्राद्धदेव मनु यमुना तट पर 100 वर्ष तक पुत्र प्राप्ति हेतु तप किया और उनको 10 पुत्र प्राप्त हुए ; इक्ष्वाकु ,नृग ,शर्याति ,
दिष्ट ,करुष , नरिष्यन्त, पृषध्र ,नभग और कवि ।
 4- दिष्ट का पुत्र नाभाग कर्मसे वैश्य हो गया । नाभाग के वंश में 12वें बंशजके रूप में हुए चक्रवर्ती सम्राट मरुत्त । मरुत्तसे आगे 09वें हुए तृणाविन्दु । 
5- तृणाविन्दुका पुत्र हुआ विशाल जिसनें वैशाली नगर बसाया ।वैशाली नगर मूलतः वैश्य नगरके रूपमें विकसित हुआ ।
 6- यह वैशाली वही वैशाली है जहां बुद्धका आखिरी प्रवचन हुआ था और वैशाली जैन तीर्थंकरोंमें आखिरी तीर्थकर महावीर पैदा हुए ।वैशालीसे लच्छवि क्षत्रिय सम्पूर्ण मिथिला , कोशल और मगधमें फ़ैल गए , महावीर की माँ लच्छवि थी । 
^^^ ॐ ^^^

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