Tuesday, October 15, 2013

परशुराम और विश्वामित्र

● परशुराम-विश्वामित्र ●
हिन्दू शास्त्रों में विश्वामित्र और परशुरामका महत्वपूर्ण स्थान है और दोनों की मूल भी एक है ।
* ब्रह्मासे अत्रि ऋषि हुए ,अत्रिसे चन्द्रमा और चन्द्रमा वृहस्पतिकी पत्नी तारासे बुध पैदा हुए।
* बुधसे पुरुरवा पैदा हुए । पुरुरवा और उर्बशी का मिलन कुरुक्षेत्र में सरस्वती तट पर हुआ और दोनों ब्याह बंधन में जुड़ गए । पुरुरवा से 06 पुत्र हुए ।
* पुरुरवाके पुत्रोंमें एक थे विजय जिनका पुत्र था
जुह्नु । जुह्नु बंशमें आगे 5वें बंशज हुए कुशाम्बु । कुशाम्बूके पौत्र हुए विश्वामित्र और कुशाम्बू की पौत्री से जम्दाग्नि पैदा हुए जिनके पुत्र थे परशुराम।
* कुशाम्बुके पुत्र गाधि और गाधिके पुत्र विश्वामित्र
थे ।गाधिकी पुत्री सत्यवतीके पुत्र थे जमदाग्नि और जमदाग्निके पुत्र थे परशुराम ।
* सत्यवती बाद में कौशकी नदी बन गयी थी । कौशकी नदी सरयू और गंगाके मध्य हुआ करती
थी ।कौशकी नदीके तट पर श्रृंगी ऋषि परीक्षितको श्राप दिया था ।
~~~ ॐ ~~~

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