Friday, September 20, 2013

ब्रह्माण्डमें जीव निर्माण

●● ब्रह्माका सांख्य ●● 
सन्दर्भ : श्रीमद्भागवत पुराण : 2.5 
 <> ब्रह्मा नारदको सृष्टि रहस्यके सम्बन्धमें बता रहे हैं । भागवत 2.5 में कुल 42 श्लोक हैं जिनको नीचे स्पष्ट किया जा रहा है ।
 * माया तीन गुणोंका एक प्रभु का माध्यम है जिससे एवं जिसमें यह दृश्य प्रधान संसार है। 
* माया पर काल का प्रभाव हुआ और महत्तत्त्व का निर्माण हुआ । महत्तत्व चेतनाका ही दूसरा नाम है ।
 * महत्तत्व पर कालका प्रभाव हुआ और तीन अहंकार उत्पन्न हुए ; सात्त्विक ,राजस और तामस । 
* सात्त्विक अहंकार पर कालका प्रभाव हुआ फलस्वरूप 10इन्द्रियों के देवताओंकी और मन की उत्पत्ति हुयी ।
 * जब राजस गुण पर कालका प्रभाव हुआ तब 10 इन्द्रियाँ , बुद्धि और प्राण की रचना हुयी ।
 * जब तामस अहंकार काल के प्रभाव में आया तब नीचे दिखाए गए तत्त्वों की उत्पत्ति हुयी ।
 <> 1 <> 
--------[ तामस अहंकार ]--------
                 +
              [ काल ]
                 | से 
  <> आकाश की उत्पत्ति --> शब्द ^
                      | से
 <> वायु की उत्पत्ति --> स्पर्श ^ 
                     | से
 <> तेज की उत्पत्ति --> रूप ^
                    | से
 <> जल की उत्पत्ति --> रस ^ 
                | से
 <> पृथ्वी की उत्पत्ति --> गंध ^
 °°अर्थात °° 
<> पांच महाभूत और उनके अपनें -अपनें बिषय उत्पन्न हुए । <> 02 <>
 -- > जब प्रलय होगी तब क्या होगा ?<--
 ° पृथ्वीसे जल गंध लेलेगा और पृथ्वी जलमें विलीन हो जाएगी । ° काल जलसे रस खीच लेगा और जल तेज ( अग्नि )वायुमें बदल जाएगा । 
° वायुसे काल स्पर्श लेलेगा और वायु आकाशमें लीन हो जायेगी । ° आकाशसे काल शब्द छीन लेगा फलस्वरुप आकाश तामस अहंकारमें बदल जाएगा ।
 * और * 
# राजस अहंकारसे काल बुद्धि , प्राण और इन्द्रियों को लेलेगा । # सात्विक अहंकारसे काल मन और इन्द्रियों के आधिष्ठाता देवताओं को छीन लेगा । 
* और *
 > तब तीन अहंकार महत्तत्त्वमें विलीन हो जाएगा, महत्तत्त्व माया में समाजाएगा और माया ब्रह्ममें लीनहो जाएगी ।
 > पुनः जब सृष्टिका प्रारम्भ होगा तब ब्रह्मके फैलाव स्वरुप सभीं सूचनाएं पूर्ववत प्रकट होनें लगेंगी ।।
 ~~ ॐ ~~        

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