गीता के दो सौ साधना सूत्रों की श्रृंखला में
कुछ और सूत्रों को आप यहाँ देखें ------
गीता 4.38
योग चाहे कोई हो लेकिन जब वह फलित्त होता है तब … ..
ज्ञान की प्राप्ति होती है //
गीता सूत्र 4.37
ज्ञान से चाह समाप्त होती है //
गीता सूत्र 4.19
ज्ञान से कामना एवं संकल्प की पकड़ समाप्त होती है //
गीता सूत्र 5.17
ज्ञान से श्रद्धा आती है और ज्ञानी तन , मन एवं बुद्धि से प्रभु में रहता है //
गीता सूत्र 5.18 + 2.57
ज्ञानी समभाव योगी होता है //
गीता मे न तो कुछ जोड़ो और न ही अपनी बुद्धि को गीता मे उतारो,गीता जैसा है ठीक ढंग से उसे अपनी बुद्धि में उतारनें की कोशीश आप को गीता से मिला सकती है और गीता से मिलना
हीप्रभु श्री कृष्ण से मिलना है//
=====ॐ=======
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