भाग - 08
गीता सूत्र - 4.29
गीता का यह सूत्र ध्यान की तीन बिधियों को बता रहा है
जिसमे से एक बिधि को हम यहाँ देखते हैं -----
सूत्र -
जो श्वास आप ले रहे हैं उसके प्रारम्भिक बिंदु पर अपनें ध्यान को केन्द्रित करना ॥
यह ध्यान दो तरह से संभव है ;
[क] नासापुटों के अग्रिम भाग पर ध्यान को
केन्द्रित करना जहां से श्वास नासिका में प्रवेश करती है ॥
[ख] श्वास लेते समय नाभि ऊपर की ओर उठती है
अतः ज्योंही यह ऊपर उठनें लगे उस बिंदु पर
अपनें ध्यान को केन्द्रित करनें का प्रयत्न करना चाहिए ।
ध्यान केन्द्रित करनें का अर्थ हैं - उस बिंदु का द्रष्टा बनें रहना ॥
द्रष्टा वह है जो साक्षी हो ; जो भावातीत की स्थिति में रहते हुए दृष्टा रहे ॥
आप इस ध्यान को कुछ दिन करें ,
यह ध्यान .....
चित्त की बृत्ति को नियंत्रित करता है ॥
===== ॐ ======
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