Thursday, January 6, 2011

गीता ध्यान



गीता ध्यान भाग - 02

ध्यान कहाँ और कब करना चाहिए ?

पहली बात .....

ध्यान कोई कृत्य नहीं है , यह किसी के बश में नहीं ,
लेकीन उनके लिए यह कृत्य सा है जो
इन्द्रिय ....
मन ....
और देह के माध्यम से स्वयं को परखना चाहते हैं ॥

दूसरी बात .....

यदि आप अभी - अभी ध्यान से आकर्षित हुए हो तो ....
** ध्यान के लिए सभी जगह नहीं बैठना चाहिए
** ध्यान के लिए आप कोई प्राचीन मंदिर को चुनें तो उत्तम होगा
** ध्यान का समय ठीक सूर्योदय - पूर्व या ठीक सूर्योदय बाद उत्तम होता है जिसको ....
गोधुली या संध्या कहते हैं ॥
** जिस स्था पर आप बैठना चाहते हैं ,
वह स्थान समतल होना चाहिए और कोई साफ़ बिछावन जमीन पर बिछा
कर उस पर बैठना चाहिए ।
** आप की मुद्रा कोई भी हो सकती है जिसमें आप को आराम मिलता हो ॥
** ध्यान में बैठनें के बाद तीन - चौथाई आँखों को बंद रखना चाहिए ॥
** दृष्टि देह से दो फूट तक सिमित रखें तो अच्छा रहेगा ॥
कुछ और बातें अगले अंक में

==== ॐ ====

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