<> प्रश्न - 1 : भागवत : 1.19.37 :
" जिस ब्यक्तिके सर पर मौत मडरा रही हो ,उसे क्या करना चाहिए ? "
> उत्तर < भागवत : 2.1- 2.4 तक : 101श्लोक ।परीक्षित के प्रश्न -1के सन्दर्भमें भागवत की पाँच बातोंको हम यहाँ समझनेंका प्रयाश करेंगे ।
* शुकदेव जी कह रहे हैं :----
1- भोगीका दिन धन संग्रहकी हाय - हाय में गुजरता है और रात स्त्री प्रसंग में गुजरती है ।
2- परीक्षित ! अभीं आपके पास 7 दिन हैं ,आप जो चाहें कर सकते हैं । मनुष्यका घडी भरका होश भरा जीवन बेहोशी भरे हजार वर्ष के जीवन से अधिक आनंदमय होता है ।
3- आसन ,श्वास और इन्द्रियों पर पूर्ण नियंत्रण करना चाहिए ।
4- देश - काल के प्रति वैराज्ञ होना चाहिए ।
5- ॐ का गुंजन आवाज रहित ऐसे करें कि ॐ देहके पोर -पोर नें भरे तथा हृदय में पहुँचता रहे ।
** शुकदेव जी परीक्षित को ध्यान का सार देते हैं जिनका सम्बन्ध बिषय ,इन्द्रिय और मन नियन्त्रण से है । शांत मनकी स्थिति में परम ध्वनि रहित ध्वनि एक ओंकारके माध्यम से शरीर के कण -कण को चार्ज करते रहनें से तन और मन विकारों से प्रभावित नहीं हो पाते और इस विचार शून्यता लकी स्थिति में देह त्याग कर जाते हुए अपनें प्राण का द्रष्टा बन कर परम गति को प्राप्त किया जा सकता है।
# परीक्षितका दूसरा प्रश्न अगले अंक में #
~~ ॐ ~~
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