Thursday, November 17, 2011

वैशाली की याद

वैशाली

वैशाली , आज का वैशाली पटना से लगभग 50 Km की ऊरी पर स्थित है , वैशाली से बोध गया 160 Km के आस – पास पड़ता है , वैशाली से नालंदा [ मगध की राजधानी ] लगभग 145 Km है और कुशीनगर से पटना कि दूरी लगभग 253 km है / यहाँ यह सब इस लिए दिया जा रहा है क्योंकि उनके लिए जो बुद्ध – महावीर के मार ्ग को अपना मार्ग समझ कर अपनी साधना की यात्रा बनाना चाहते हैं उनके लिए राजागहा [ नालंदा ] , वैशाली , बोध गया , झारखण्ड में हजारीबाग के पास पारसनाथ की पहाडियां जहां 22 तीर्थंकरों नें देह छोडा था , श्रावस्ती जहांतीसरे तीर्थंकर संभवनाथ जीपैदा हुए थे औरबुद्ध यहाँ 24 सालों तक चातुर्मास बिताया था , कूशी नगर , सारनाथ , अयोध्या आदि नगर अति महत्व रखते हैं / वैशाली ही वह प्राचीनतम राज्य है जहां बुद्ध कि छाया सेआम्रपालीअरहंत बनी थी / आम्रपाली एक नगर बधू थी ; नगर बधू का सीधा अर्थ है वेश्या / वैशाली ही वह जगह है जहां बुद्ध का आखिरी उपदेश लोगों को मिला था / चीन के खोजी Faxian [ 4CBCE] एवं Zuanzang [ 7CCE ] यहाँ आये थे / सोलह महाजनपदों में vijji रक प्रमुख महाजनपद होता था जिसका Lacchhavis एक प्रमुख अंग था जिसकी राजधानी थी वैशाली और महाबीर की माँभी lacchhavis थी / वैशाली राज्य को अजातशत्रु [ 491 – 461 BCE ] मगध में मिला लिया था /





Ananda Stupa built by Ashoka at vaishali




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