Tuesday, November 15, 2011

बुद्ध की आखिरी यात्रा

बुद्ध और महाबीर भाग –02

पटना [ बिहार ] सेवैशाली [ बिहार ] होगा लगभग 50 km जहां बुद्ध अपना आखिरी सरमन दिया और यह वह स्थान भी है जहां महावीर गर्भ से जब बाहर संसार में कदम रखा तब संसार के लोगों को परम शांति का मूक सन्देश दिया था / आप के मन में अनेक सोचें उठ रही होंगी लेकिन जो कुछ ऊपर कहा गया वही सत्य है / वैशाली से कुशीनगर [ उत्तर प्रदेश ] की पैदल यात्रा उस पथ से जिस पगडंडी पथ से बुद्ध किये थे , यदि कोई करनें में सफल हो सके तो उसे बिना खोजे निर्वाण मिलेगा , इस बात की गारंटी मैं देता हूँ / यह पथ समय के चक्र में खो गया कहीं और ताज्जुब होता है यह देख कर की दक्षिण पथ , उत्तर पथ , सिल्क – रूट एवं अन्य अनेक पथों का जिक्र बुद्ध शात्रों में मिलता हा लेकिन वैशाली से कुशीनगर का पथ कहीं भी नहीं दिया गया / बुद्ध 27 साल की उम्र में वैराग्य धारण किया और लगभग 80 वर्ष की उम्र में अपना देह त्यागा और इस बीच संसार में प्यार के माध्यम से ज्ञान – विज्ञान की हवा चलाते रहे और जिस शांति से उनका यह यात्रा हुयी होगी वह परम शांति रही होगी / यदि कोई साधक किसी तरह ध्यान के माध्यम से इस पथ पर चल सके तो वह बुद्ध की ऊर्जा से दूर नहीं रह सकता / लुम्बिनी से राजगहा [ नालंदा ] , नालंदा से बोध गया , बोड गया से सारनाथ , सारनाथ से श्रावस्ती , श्रावस्ती से चितवन और आखिर में वैशाली से कुशीनगर की यात्रा , पैदल यात्रा करनें वाला ध्यानी को बुद्ध की ऊर्जा को पी सकता है / बुद्ध – महाबीर की ऊर्जा को कोई क्या खोजेगा , वह ऊर्जा आज भी है लेकिन किसके पास इतनी सोच है कि वह उस ऊर्जा - क्षेत्र में ध्यान में उतरे /


======ओम्======


No comments:

Post a Comment