Tuesday, January 1, 2013

श्री ग्रन्थ साहिब का मूल मन्त्र कहता है :

मूल मंत्र कहता है : 



भय से भागो नहीं भय को समझो
  • भय अज्ञान की जननी है
  • भय में मन बुद्धि अस्थीर होते हैं
  • भय में ब्यक्ति कभी हाँ तो कभी ना कहता है
  • भय में ब्यक्ति के ऊर्जा का नाश होता है
  • भय नरक का द्वार खोलता है
  • प्रभु का आनंद पाना है तो
भय की साधना , मूल मंत्र को अपना कर करो
/
मूल मन्त्र कहता है

प्रभु का प्रसाद निर्भय को मिलता है
प्रभु निर्भय में बसता है
प्रभु ह्रदय में बसता है
अपनें ह्रदय में से भय को निकालो
अपनें ह्रदय में प्यार को बहनें दो
उस प्यार में तुम भी बहों
और
बहते - बहते पहुंचोगे
परमानंद में जो प्रभु का
परम धाम है /


========= ॐकार ==========

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