Wednesday, October 17, 2012

गरुण पुराण कहता है ------

अध्याय - 16
 " ज्ञान दो  प्रकार का होता है ; शास्त्रोक्त और विवेक से उत्पन्न "

शास्त्रोक्त ज्ञान वह जो शास्त्रों के मनन से प्राप्त होता है , जिसे धब्द मय ब्रह्म कि संज्ञा दी गयी  है / विवेक से उत्पन्न ज्ञान परब्रह्म रूप है जो द्वैत्य -अद्वैत्य से परे के आयाम में पहुंचा कर सत्य की किरण दिखता है /

और .....
Prof. Albert Einstein says ,
"Knowledge exists in two forms ; lifeless and alive . Lifeless knowledge is stored in books and alive is one,s consciousness "

अब आप सोचें ....
गरुण पुराण और आइन्स्टाइन वैज्ञानिक की सोच  में कितना गहरा सम्बन्ध है ?
====  ॐ =====

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