- ऋग्वेद का प्रत्येक मन्त्र का पहला अक्षर ॐ है
- गीता में प्रभु श्री कृष्ण कहते हैं ॐ मैं हूँ
- गायत्री मन्त्र का प्रारम्भ ॐ से है जो ऋषि विश्वामित्र रचित है
- गुरु ग्रन्थ साहिब एक ओंकार सतनाम बुनियाद पर खडा है
- संत जोसेफ गास्पेल में कहते हैं :-------
शब्द के साथ प्रभु थे .....
शब्द ही प्रभु था ............
यह इशारा भी एक अक्षर ॐ की ही ओर दिखता है
- कुरान शरीफ में अल्लाह के 100 नाम है , ऎसी बात लिखी है लेकिन गणना करनें पर 99 नाम मिलते हैं , आखिर 100वां कौन है ?
- तिब्बत में बौद्ध दर्शन का मूल मन्त्र है :-----
- ॐ मणि पद्में हम
- पैथागोरस का कहना था कि सभीं ग्रहों की अपनी अपनी धुनें हैं जबकी उस समय विज्ञान का बचपन था , ग्रहों के सम्बन्ध में विज्ञान न के बराबर ही था पर आस्ट्रेलियन वैज्ञानिक अब हाल में पृथ्वी की धुन को पकडनें में कामयाब हुए हैं जो ॐ ही है /
- आज तक संगीत में अभीं तक कोई ऎसी रचना नहीं हो सकती जिसमें ओम् की धुन न गुजती हो
- अमेरिका के एडगर कायसी Arrr eee Oomm .....मन्त्र से हजारों लाइलाज मरीजों को ठीक किया था , जबकी यः मन्त्र हरि ओम् ही है /
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