Saturday, October 20, 2012

गरुण पुराण कहता है ------ 2

गरुण पुराण अध्याय - 16 भाग - 02

मोक्ष प्राप्ति का माध्यम केवल ज्ञान है ......

शास्त्रों को रटने से मुक्ति नहीं मिलती
वेदों को पढानें से मोक्ष नहीं मिलाता
शुभ कर्म करनें से प्रभु का  द्वार  नहीं दिखता
चारो आश्रम मुक्ति के मार्ग पर नहीं ला सकते
षट्दर्शन मुक्ति के मार्ग नहीं बन सकते

यह मेरा है ....
वह तेरा है ....
यः मेरा नहीं  ....
वह तेरा नहीं ....
ये भाव मुक्ति मार्ग के मजबूत अवरोध हैं

अब आप गरुण पुराण की इन बातों को देखें और समझें कि गरुण पुराण क्या कहना चाह रहा है ?

==== ओम् ======

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