Saturday, December 25, 2010

रामलला और हम

त्रेता युग .....
सुर्यबंशी चक्रवर्ती राजा दशरथ ....
जो अयोद्ध्या के 63 वें राजा थे ...
उनके महल में .....
उनके पुत्र रूप में ....
प्रभु श्री राम अवतरित हुए थे ॥

ऐसा कहा जाता है ----
जहां प्रभु निराकार से साकार रूप में एक पुत्र रूप में अवतरित हुए थे ....
उस स्थान पर ...
सम्राट बाबर संन 1528 में ....
बाबरी मस्जिद बनवा दिया था ....
जिसको ....
468 साल बाद
सन 1992 में गिरा दिया गया ॥

** जिस समय बाबरी मस्जिद बना उस समय तुलसीदास जी चार साल के थे ॥
** बाबरी मस्जिद बनानें के ठीक 28 साल बाद ----
भारत का सम्राट बना ----
अकबर जिसको हिन्दुओं से भी बहुत प्यार था ॥
अकबर के गद्दी पर बैठनें के लगभग 15 - 20 साल बाद .......
तुलसी दासजी अयोद्ध्या में रामलला चौतरे के साथ बैठ कर .....
श्री राम चरित मानस की रचना प्रारम्भ की ---
कुछ दिनों बात वे स्वेच्छा से काशी चले गए ....
और काशी में दो साल सात माह के करीब समय में .....
रामचरितमानस को पूरा किया ॥

ऐसा भी कहा जाता है ----
** अकबर की रानी राजस्थान राजपूत घरानें की बेटी थी
और हिन्दू सभी त्यौहार महल में मनाये जाते थे ॥
** तुलसी दास जी को अकबर एक बार सम्मानित भी किये थे ॥

अब
अकबर के समय क्या कोई हिन्दू बाबरी मस्जिद की बात को उठाया था ?
तुलसीदासजी को चित्रकूट में तीर - धनुष धारी के रूप में श्री राम नज़र आये लेकीन ....
जब राम चौतरे पर बैठ कर रामचरितमानस की रचना
अयोद्ध्या में कर रहे थे
उस समय उनको
क्या
बाल राम नज़र नहीं आये ?
इतना बड़ा ग्रन्थ लिख डाला लेकीन -----
उस ग्रन्थ में एक लाइन भी ....
रामलला जन्म स्थान पर ....
मस्जिद होनें के सम्बन्ध में न लिख पाए ...
आखिर कारन क्या था ?
कारण यह था ----
की ....
चाहे राजा हो ...
चाहे फकीर हो ...
सब में राज नीति आगे आगे चलती है और
बन्दा पीछे - पीछे ॥
लगता है .....
चार सौ अडसठ सालबाद ....
तुलसी का पुनर्जम किसी रूप में हुआ होगा
जिनकी प्रेणना से
बाबरी को तोड़ा गया ॥
आपकी
राय क्या है ?

==== जय श्री राम =====

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