Sunday, October 12, 2014

परीक्षित के प्रश्न भाग - 1

# परीक्षित के प्रश्न भाग - 1
 ** दो शब्द ** 
<> कौशिकी नदीके तट पर शमीक मुनिके पुत्र श्रृंगी ऋषि सम्राट परीक्षितको श्राप देते हैं कि जा सम्राट ! आज से ठीक सातवें दिन तक्षक सर्पके काटनें से तुम्हारी मौत हो जायेगी ।
 * हस्तिनापुरके पास जहाँ गंगा पूर्व वागिनी हुआ करती थी  वहाँ गंगा के दक्षिणी तट पर उत्तर दिशा में मुह करके कुशके बिछावन पर सम्राट परीक्षित ध्यान माध्यम दे मौत का इन्तजार कर रहे हैं । कुश -बिछावन इस तरह से बीछाया गया है कि कुशका अग्र नुकीला भाग पूर्व दिशा की ओर थे । 
## आज हस्तिनापुर के साथ गंगा पूर्व मुखी नहीं है । गंगा हस्तिनापुर को बहा ले गयी थी और उस समय परीक्षित बंश के नेमी चक्र ( परीक्षित के बाद पाँचवे बंशज ) हस्तिनापुर समाप्त होनें पर प्रयाग के पास कौशाम्बी में अपनी राजधानी बनायी थी । कौशाम्बी बुद्ध का प्रिय स्थान होता था जो एक व्यापारिक केंद्र हुआ करया  था । उस समय प्रयागका स्थान कौशाम्बी की तुलना में छोटा था ।
 * ब्यासके 16 वर्षीय पुत्र श्री शुकदेवजीका आगमन होता है ।शुक देव जी मौनी बाबा थे जो किसी स्थान पर उतनी देर रुकते थे जितनी देर में एक गाय दूही जा सकती है । मौनी बाबा जिस स्थान में जब रुकते थे तब उस घडी वह स्थान तीर्थ बन जाता था । 
* मौनी बाबा 12 स्कन्ध , 335 अध्याय और उनमें स्थित18000 श्लोकों वाले ब्यास जी द्वारा रचित श्रीमद्भागवत पुराण की कथा सुनाते हैं ।
 ## ज़रा सोचना - सात दिनों में 18000 श्लोकों की कथा करना एक। मौन रहनें वाले योगी के लिए कितना कठिन रहा होगा ?
 # जब शुकदेव जी रहे होगे 5-6 सालके या इससे भी कुछ कम उम्रके तब व्यास जी भागवत की रचना करके शुकदेव जी को सुनायास था ।सरस्वती नदी के तट पर शम्याप्रास नामक आश्रमके पास जहाँ बेरका सुन्दर बन हुआ करता था , वहाँ व्यास जीका आश्रम होता था।शम्याप्रास आश्रम सरस्वती के पश्चिमी तट पर होता था अर्थात व्यासजीके आश्रमके पास सरस्वती उत्तर से दक्षिण की दिशा में बहती रही होंगी ।
 ## भागवत में परीक्षित के 58प्रश्न हैं ; प्रश्न - 3 में कुल 23 प्रश्न हैं । 
-- शेष भाग अगले अंक में --- 
~~ ॐ ~~

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