इस श्रृंखला के अगले कुछ सूत्र -------
सूत्र – 3.40
यहाँ प्रभु श्री कृष्ण कह रहे हैं … .........
काम का सम्मोहन आत्मा को छोड़ सब पर होता है //
सूत्र –10.22
इन्द्रियाणां मनश्चास्मि
प्रभु कह रहे हैं , इन् द्रियों में मन मैं हूँ //
भूतानां अस्मि चेतना
यहाँ प्रभु कहते हैं , चेतना मैं हूँ //
सूत्र –7.10
बुद्धि : बुद्धि - मताम् अस्मि
बुद्धिमानों में बुद्धि मैं हूँ , ऎसी बात श्री कृष्ण कह रहे हैं //
सूत्र –18.29
गुणों के आधार पर बुद्धि तीन प्रकार की होती है //
सूत्र –2.41 , 2.44
यहाँ प्रभु कहत रहे हैं , बुद्धि दो प्रकार की होती है ; एक ब्यवसायात्मिका बुद्धि और दूसरी
अब्यवसायात्मिका बुद्धि / पहली बुद्धि प्रभु कि ओर ले जाती है और दूसरी बुद्धि भोग में रखती है //
सूत्र –7.11
प्रभु कह रहे हैं , धर्मानुकूल काम मैं हूँ //
गीता के कुछ ध्यान – सूत्र आप को यहाँ मिले आप इनको बुद्धि-योग साधना में
प्रयोग कर सकते हैं//
======ओम=========
No comments:
Post a Comment