श्रीमद्भगवद्गीता : अध्याय - 9
गीता अध्याय : 09 के आकर्षण👇
💐 गीता अध्याय - 8 में श्लोक : 1 - 2 के माध्यम से अर्जुन के प्रश्न के उत्तर में प्रभु श्री के 71 श्लोक हैं ( श्लोक : 8.3 से श्लोक : 10.11) और इस प्रकार अध्याय : 09 इस उत्तर का एक अंश है ।
🌷प्रभु अपनें 34 श्लोकों में से 32 श्लोकों के माध्यमसे 65 उदाहरण दे कर बता रहे हैं कि मुझे इनमें देखो , ये सब मैं ही हूँ।
● अनन्य भक्ति , मुक्ति - मार्ग है ।
● दैवी और आसुरी प्रकृति के लोगों के सम्बन्ध में गीता अध्याय : 16 जैसी बातें बताई गई हैं ।
🌷कोई हर पल दुराचारी नहीं रहता , कभीं उसमें सत् भाव भी भरता ही है ।
◆ मैं ( प्रभु श्री कृष्ण ) सबमें समभाव से हूँ ।
◆ मेरा कोई प्रिय - अप्रिय नहीं ।
● पूजाके प्रकार
1 - देव पूजन
2 - पितर पूजन
3 - भूत पूजन
4 प्रभु पूजन
◆ जो जिसे पूजता है , वह उसे ही प्राप्त करता है ।
~~◆◆ ॐ◆◆~~
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