Friday, May 15, 2015

भागवत से - 33

भागवत से -- 33 
 ( कुछ वैज्ञानिक बातें - भाग - 2 )
 * यहाँ भागवसे कुछ ऐसे प्रमाण लिए जा रहे हैं जो यह स्पष्ट करते हैं कि बिना स्त्री - पुरुष सहयोगसे भी बच्चा पैदा किया जा सकता है । 
* जब ब्रह्मा यह देखे कि प्रजा बृद्धि हेतु उत्पन्न ऋषियों द्वारा
 प्रजा - बृद्धि की गति बहुत धीमी है तब वे स्वायम्भुव मनु और सतरूपाको आदेश दिये कि तुम दोनों मैथुन धर्मका पालन करते हुए प्रजा बृद्धि करो । 
* स्वायम्भुव मनु कहते हैं ," पिताजी ! प्रजा रहेगी कहाँ ,पृथ्वी तो है नहीं ? " 
 * ब्रह्मा सोचनें लगे और इतनें में उनकी नासिक से अंगूठे के बराबर आकार वाला एक वाराहका बच्चा पैदा हो गया । यह विष्णु का दूसरा वाराह अवतार था जो पृथ्वीको रसातल से ऊपर ले आया । 
* स्वायम्भुव मनुके प्रपौत्र ध्रुव बंशमें ध्रुव से आगे सातवें बंशज हुए सम्राट वेन । वेनकी भुजाओंका मंथन किया गया और फलस्वरूप सम्राट पृथुका जन्म हुआ ।
 <> कुछ और उदाहरण अगले अंकमें देखा जा सकता है <> ~~~ ॐ ~~~

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