Friday, May 15, 2015

भागवत से - 32

भागवत से - 32
कुछ वैज्ञानिक सोचके विषय -1
* इस समय बायो टेक्नोलोजी और जेनेटिक विज्ञानमें लिंग परिवर्तन और स्टेम सेलके प्रयोगसे प्रयोगशालामें जीव निर्माण जैसे बिषय समाज में आकर्षणके केंद्र बनें हुए हैं । इस बिषयमें भागवत पुराणके आधार पर कुछ बातें यहाँ दी जा रही है ।
# जब त्रिलोकी जलमग्न था ,पृथ्वी रसातलमें थी तब ब्रह्मा पानीके सतह पर कमलके ऊपर बैठ कर निम्न ऋषियोंकी उत्पत्ति की , बिना मैथुन धर्म अपनाए ।
1- नारदको अपनीं गोदीसे पैदा किया ।
2- वसिष्ठको अपनें प्राणसे उत्पन्न किया ।
3- मरीचिको मनसे पैदा किया ।
4- अत्रिको नेत्रोंसे पैदा किया ।
5- पुलस्त्यको कानसे पैदा किया ।
6- अंगीराको मुखसे पैदा किया ।
7- पुलहको नासिकासे पैदा किया ।
8- भृगुको त्वचासे पैदा किया ।
9- क्रतुको हाँथसे पैदा किया ।
10-दक्षको अंगूठेसे पैदा किया ।
11-कर्मद को अपनीं छायासे पैदा किया ।
12- स्वायम्भुव मनु ( पहले मनु : इस समय सातवें मनुका समय चल रहा है ) और सतरूपा उस समय पैदा हुए जब ब्रह्मा का शरीर दो भागों में विभक्त हो गया था । स्वयाम्भिव मनु और सतरूपा से मैथुन धर्म से प्रजा बृद्धि का काम शुरू हुआ था ।
** शेष भाग -02 में देखा जा सकता है **
~~~ ॐ ~~~

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