Tuesday, July 8, 2014

भागवत की कौशिकी नदी

● भागवत की कौशिकी नदी ●
<> कौशिकी नदी <>
^ यहाँ भागवके उन प्रसंगोंको दिया जा रहा है जिनका सीधा सम्बन्ध कौशिकी नदी से है । आप इनको देखें और स्वतः कौशिकी ऐतिहासिक नदी के सम्वन्ध में सोचें ।
^ सन्दर्भ : 9.14+9.15 , 1.18.24-37, 10.78-10 .79 ,
1- भागवत : 9.14+9.15
● कुरुक्षेत्रमें सरस्वतीके तट पर राजा पुरुरवा और उर्बशी का मिलन हुआ । पुरुरवा -उर्बशी को 06 पुत्र हुए जिनमें 5वें पुत्र विजय के बंश में 7वें बंशज गाधि के पुत्र हुए विश्वामित्र और कन्या हुयी सत्यवती ।सत्यवती यमदाग्नि की माँ थी और यमदाग्नि के पुत्र थे परसुराम ।बाद में सत्यवती परम पवित्र कौशिकी नदी बन गयी थी।
2- भागवत :1.18.24-37
●राजा परीक्षित शिकार खेलते हुए बहुत दूर निकल गए और जब वे भूख - प्यास से ब्याकुल होनें लगे तब पासमें स्थित एक आश्रम में प्रवेश कर गए जहाँ समीक मुनि समाधि में उतर चुके थे । वे मुर्तिवर वहाँ थे , आश्रम में सम्राटके स्वागत के लिए कोई न था । परीक्षित आवाजें लगाते रहे लेकिन वहाँ कौन था जो उनका अभिबादन करता ? सम्राटको क्रोध आया और वे बिना सत्य को समझे समीक मुनिके गले में एक मृत सर्प को लटका कर आश्रम से बाहर चले गए ।  ● कुछ दूरी पर समीक मुनि का पुत्र श्रृंगी कौशकी नदी के तट पर ही थे , जब उनको अपनें पिताके अपमानके सम्बन्ध में पता चला तब वे कौशिकी नदीमें आचमन करके सम्राट परीक्षितको श्राप दिया - " सम्राट ! तूँ जा लेकिन ठीक आज से सात दिन बाद तेरी मौत तक्षकके डंक मारनेंसे होगी ।
● ब्राह्मणके श्रापका पता परीक्षितको मिला और परीक्षित गंगा तट पर अपनें मौतकी तैयारीमें जुट
गए ।
3- भागवत :10.78+10.79
● महाभारतके समय बलरामकी तीर्थ - यात्रा ●
# बलराम युद्धके पक्षमें न थे और जब उनको यकीन हो गया कि अब युद्ध को टाला नहीं जा सकता तब वे तीर्थ यात्रा पर निकल पड़े । प्रभास क्षेत्र से वे उस दिशा में चल पड़े जिधर से सरस्वती आ रही थी । सरस्वती के किनारे - किनारे वे पृथुदक, विन्दुसर, मितकूप, सुदर्शन तीर्थ,विशाल तीर्थ ,ब्रह्म तीर्थ , चक्र तीर्थ , और पूर्ववाहिनी तीर्थों की यात्रा की । इसके बाद यमुना के तट पर स्थिर तीर्थो पर गए और फिर गंगा तट के तीर्थो में पहुँच कर पूजा किया । गंगा तट से वे नैमिष आरण्य गए जहां ऋषियों का सत्संग चल रहा था । नैमिष आरण्य से कौशिकी नदी के तट पर आये और स्नान करके उस सरोवर पर गए जहां से सरयू नदी चलती हैं । सरयू नदी के तट से कुछ यात्रा की फिर तट को छोड़ कर प्रयाग गए ।
~~ यहाँ आप देखें ~~
● सरयू नदी बहराइच नें करनाली नदी एवं महा काली ( शारदा ) नदियों के संगम से प्रारम्भ होती है । करनाली नदी मानसरोवर क्षेत्र से और महाकाली पिथौरागढ़ के कालापानी क्षेत्र से आती है ।
● कुछ लोग मध्य प्रदेश में भिंड क्षेत्र में कौशकी नदी के होनें की बात करते हैं लेकिन भागवत के ऊपर दिए गए सन्दर्भों से…
● यह नदी गोमती और गंगा के मध्य होनी चाहिए ।
--- ॐ ---

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