Monday, February 4, 2013

श्री नानक जी साहिब कह रहे हैं -----


गुर मुखि नादं गुर मुखि वेदं
   गुर मुखि रहिआ समाई
   गुरु ईसरु गुरु गोरखु वरमा
   गुरु पारबती माई


आदि गुरु श्री कह रहे हैं ...
  • गुरु मुख में नाद है .....
  • गुरु मुख में वेदों का रहस्य है .....
  • गुरु मुख में ही सब समाया हुआ है .....
  • गुरु ईश्वर है .....
  • गुरु शिव है .......
  • गुरु ब्रह्मा है ....
  • गुरु विष्णु है ...
  • और गुरु ही माँ पारवती है

    लेकिन गुरु कौन है 

    ?
    नानकजी साहिब इस सम्बन्ध में कहते हैं
    -----
  • पंचा का गुरु केवल ध्यानु 

    आज इतना ही .....

    =एक ओंकार 

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