Monday, November 12, 2012

गीता से गीता में ------

केवल एक बार .......
मात्र पन्द्रह दिन .....
नित्य ......
प्रातः कालीन संध्या बेला में 
अपनें द्वारा जो हो रहा हो उसे गीता दर्पण में देखनें का प्रयाश करो ......
यदि आप  इस ध्यान विधि में स्वयं को पूर्ण रूप से दुबोनें में कामयाब हुए तो .....
एक दिन ....
प्रातः कालीन संध्या बेला में ......
गीता दर्पण पर आप अपनें कृत्यों के स्थान पर .....
प्रभु श्री कृष्ण को देखनें में कामयाब हो सकते हैं .....
लेकिन .....
आप में समर्पण की पूर्ण ऊर्जा होनी चाहिए //
==== ओम् =====

No comments:

Post a Comment