Tuesday, September 23, 2014

भागवत से - 22

<> भागवतकी बायो टेक्नोलोजी <>
# स्वयाम्भुव मनु से स्त्री - पुरुष संयोग से सृष्टि रचना प्राम्भ हुयी , इनसे पहले स्त्री - पुरुष योग के बिना संतान उत्पन्न होती थी।
# भागवत सन्दर्भ :4.13+9.6+9.13 #
# पहले स्वयंभुव मनुके छठवें बंशज बेन थे। बेनकी जब मृत्यु हुयी तब कोई सम्राट न था जो राज्य को चलाता । ब्राह्मण ( ऋषि ) लोग बेन की दाहिनी भुजका मंथन किया और फल स्वरुप पृथुका जन्म हुआ ।
# पृथु स्वायम्भुव मनुके सातवें बंशजका जन्म एक नर के देह से संभव हुआ ।
<> इक्ष्वाकु के 100 पुत्रों में दुसरे पुत्र थे राजा
निमि । निमिको ऋषि बसिष्ठके कारण देह त्यागना पडा था । निमिको ब्राह्मण लोग ( ऋषि समुदाय ) पुनः ज़िंदा करना चाहा लेकिन राजा निमि निबृत्ति परायण योगी थे जिनको देह से कोई लगाव न था ,वे पुनः देह में वापिस लौटनें से इनकार कर दिये ।
<> फिर राजा निमिके देह का मंथन किया गया और जो नर पैदा हुआ उसका नाम पड़ा मिथिल ,बिदेह और जनक । सीताजीके पिता जनक परम्पराके 21वें जनक थे । भागवत में जनक परम्पराके 51 बिदेहोंका वर्णन मिलता है ।
** आज बायो टेक्नोलोजी में जो हो रहा है , उसका तरीका हो सकता है अलग हो लेकिन ऐसा काम किसी न किसी रूप में पहले भी होता रहा है ।
~~ ॐ ~~

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