Friday, July 26, 2013

भागवत साधन सूत्र - 03

भागवत साधना सूत्र - 03: भागवत से :---
1- 1.3 > अज्ञान की बृत्तियाँ - अविद्या , मोह ,
राग ,द्वेष ,अभिनिवेश
2- 1.7 > निर्मल मन माया और मायापति का द्रष्टा होता है
3-1.6 > जिस बस्तुके खानेंसे जो रोग होता है उस बस्तु में उस रोगकी दवा होती है
4- 1.1 > इन्द्रिय - मन तंत्र की पहुँच जहां तक है उसकी तह में जो होता है वह है प्रभु
5- 11.19 > तप क्या है ? जिसके अभयद से कामनाओं का उठाना समाप्त हो , वह तप है ।
6- 4.20 > शुद्ध चित्त की स्थिति ही कैवल्य है
7- 4.18 > बुद्धिमान ब्यक्ति भ्रमर जैसा होता है जो सर्वत्र से ज्ञान अर्जित कर लेता है
8- 2.1> महत्तत्व क्या है ? आत्मा का नाम महत्तत्व है
9- 2.7 > वैदिक या लौकिक किसी भी शब्द की पहुँच प्रभु तक नहीं
10- 2.8 > जीव का कोई सम्बन्ध पञ्च भूतों से नहीं लेकिन जीव का शरीर पञ्च भूतों से निर्मित होता है
~~ ॐ ~~~

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