यहाँ एक स्लॉइड में सांख्य आधारित और श्रीमद्भगवत पुराण : 3.10 आधारित सृष्टि रचना दी जस रही हैं । ध्यान से देखने पर मूल रूप में दोनों में कोई भेद नहीं दिखता ।
प्रकृति - पुरुष संयोग से 23 तत्त्वों की उत्पत्ति और फिर उनसे लिङ्ग एवं भाव सृष्टियों की उत्पत्ति को समझ कर यह समझना सरल हो जाता है कि मैं कौन हूँ ?
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