# भागवत : 9.14 + 9.15> 90 श्लोक #
** परशुराम विश्वमित्र की बहन सत्यवती के पौत्र थे **
**सत्यवती बादमें कौशिकी नदिबन गयी थी ।
**शमीक मुनि केपुत्र श्रृंगी ऋषि कौशकी नदी में आचमन करके परीक्षित को श्राप दिया था ।
## अब आगे :----
**ब्रह्मा के पुत्र ऋषि अत्रि थे जिनके आँखों से चन्द्रमा का जन्म हुआ । चन्द्रमा के पुत्र थे बुध । बुध के पुत्र हुए पुरुरवा ।
* पुरुरवा - उर्बशी से 06 पुत्र हुए। पुरुरवा के पांचवें पुत्र विजय के कुल में पुरुरवा से आगे 10 वें हुए गाधि । गाधि के पुत्र थे विश्वामित्र ।
** गाधि की कन्या सत्यवती के पुत्र जमदाग्नि के छोटे पुत्र थे परशुराम ।
** सत्यवती बादमें कौशकी नदी बन गयी थी ।
** कौशकी नदी में शमीक मुनि के पुत्र श्रृंगी ऋषि आचमन करके सम्राट परीक्षित को श्राप दिया था ।
# पुरुरवा के पहले पुत्र आयु के 05 पुत्रोंमें बड़े पुत्र नहुष के बंश में :---
1- ययाति दूसरे पुत्र थे ।
2- ययाति की दूसरी पत्नी शर्मिष्ठा के पुत्र पुरु के बंश में :--
2.1> पुरु के बाद हस्ति 20 वें थे ।
2.2 > पूरुके बाद 24 वाँ थे कुरु ।
2.3 > पुरु के बाद 25 वाँ थे जय्द्रत ।
2.4 > पुरु के बाद 28 वाँ थे पांचाल ।
2.5 > पुरु के बाद 32 वाँ थे द्रुपद ।
3- ययाति की पहली पत्नी थी शुक्राचार्य की पुत्री , देवयानी , जिससे यदु का जन्म हुआ और इस कुल में कृष्ण - बलराम का अवातार हुआ।
~~ ॐ ~~
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