कौन नरक की यात्रा करता है?
गरुण पुराण इस इस अंक हम गरुण पुराण अध्याय – 01 का तीसरा भाग देखनें जा रहे है जिसमें विष्णु भगवान श्री गरुण जी को बता रहे हैं कि ऐसे कौन से ब्यक्ति हैं जो नरक की यात्रा करते हैं ?
श्री विष्णु भगवान कहते हैं------
वह जो दया , धर्म एवं वर्णाश्रम का पालन नहीं करता
वह जो सदा पाप करता है
वह जो दुष्ट ब्यक्तियों की संगति करता है
वह जो वेद – पुराण में बताए गए मार्ग पर नहीं चलता
वह जो अहंकारी होता है
वह जो काम , क्रोध लोभ का गुलाम होता है
वह जो आसुरी प्रकृति वाला होता है
वह जो परायी स्त्री एवं पराये धन पर बुरी नज़र रखता है
वह जिसके जीवन का मूल आधार है भोग – विलास
ऐसे लोग नरक जाते हैं /
गीता अध्याय – 16 में भगवान श्री कृष्ण के कुल 24 श्लोक हैं जिनमें श्लोक 16.1 – 16.3 तक दैवी प्रकृति के लोगों से सम्बंधित हैं एवं अन्य सभी श्लोक आसुरी प्रकृति वालों के सम्बन्ध में हैं /
कौन है दैवी प्रकृति वाला और कौन है आसुरी प्रकृति वाला?
वह जो तीन गुणों का गुलाम है वह हैआसुरी प्रकृति वालाऔर वह जो स्थिर – प्रज्ञ समभाव है तथा जिसके देह के सभीं नौ द्वार सात्त्विक गुण की उर्जा से नियंत्रित होते हैं वह हैदैवी प्रकृति वाला /
गरुण पुराण उन सबको नर्क का यात्री कहता है जिनमें तीन गुणों की ऊर्जा बहती है
और
उनको स्वर्ग गामी बताता है या मोक्ष प्राप्ति वाला बताता है जोगुणातीतहैं //
===== ओम्=======
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