Friday, March 30, 2012

गरुण पुराण अध्याय चार का आखिरी भाग

  • नरक में पहुंचे पापी जीवों को महाप्रलय तक नरक में यातनाओं को भोगना होता है

    और

  • प्रलय के बाद भी वे पुनः नरक में ही उत्पन्न होते हैं

  • नरक वासियों को यमराज की आज्ञा से पुनः पृथ्वी पर स्थावर आदि की योनियों

    में पैदा होना होता है

  • स्थावर – योनि में अचल सूचनाएं आती हैं जैसे बृक्ष , गुल्म , लता , बेल . पर्वत आदि /

  • पापी जीव धीरे-धीरे एक के बाद एक योनियों के गुजरता हुआ चौरासी लाख योनियों को पार करके मनुष्य की योनि में आता है/

गरुण पुराण अध्याय चार का समापन

====ओम्====


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