Wednesday, May 27, 2015
भागवत - 35 - गंगा रहस्य
Wednesday, May 20, 2015
भागवत से - 34
" In the beginning ,was the word and the word was with God and the word was God ."
~~ Gospel of John : 1.1~~
* सीधीसी बात गोस्पेलमें कही गयी *
" प्रारंभ शब्दसे हुआ और वह शब्द प्रभुसे प्रभुमें था " -- इस बातका दर्शन श्रीमद्भागवत पुराण स्कन्ध - 3 में कपिल मुनि अपनीं माँ देवहूतिको मोक्षका द्वार दिखानें हेतु सांख्य - योग ज्ञानके अंतर्गत कुछ इस प्रकार से दिया है ।
# माया से काल (time ) के प्रभाव के कारण महतत्त्वकी उपज हुयी ।
# महतत्त्व पर कालका प्रभाव जब पड़ा तब तीन अहंकार ( सत + राजस + तामस ) उपजे ।
# तामस अहंकारसे कालके प्रभावमें शब्दकी उत्पत्ति हुयी ।
# शब्दसे कालके प्रभाव में आकाश भूतकी उत्पत्ति हुयी ।
* आकाशसे स्पर्श , स्पर्शसे वायु , वायुसे रूप ,रूपसे तेज , तेजसे रस , रससे जल , जलसे गंध ,गंधसे पृथ्वीकी रचना हुयी ।
अर्थात
## पञ्च बिषय और पञ्च महाभूतोंकी रचना शब्दसे हुयी और ये 10 तत्त्व जीव निर्माणके मूल तत्त्व हैं । ** विज्ञान की आज की सोच भी कपिल मुनि की सोच से परे की नहीं दिखती ।
-- शेष अगले अंकमें --
~~ ॐ ~~
Friday, May 15, 2015
भागवत से - 33
भागवत से - 32
भागवत से - 32
कुछ वैज्ञानिक सोचके विषय -1
* इस समय बायो टेक्नोलोजी और जेनेटिक विज्ञानमें लिंग परिवर्तन और स्टेम सेलके प्रयोगसे प्रयोगशालामें जीव निर्माण जैसे बिषय समाज में आकर्षणके केंद्र बनें हुए हैं । इस बिषयमें भागवत पुराणके आधार पर कुछ बातें यहाँ दी जा रही है ।
# जब त्रिलोकी जलमग्न था ,पृथ्वी रसातलमें थी तब ब्रह्मा पानीके सतह पर कमलके ऊपर बैठ कर निम्न ऋषियोंकी उत्पत्ति की , बिना मैथुन धर्म अपनाए ।
1- नारदको अपनीं गोदीसे पैदा किया ।
2- वसिष्ठको अपनें प्राणसे उत्पन्न किया ।
3- मरीचिको मनसे पैदा किया ।
4- अत्रिको नेत्रोंसे पैदा किया ।
5- पुलस्त्यको कानसे पैदा किया ।
6- अंगीराको मुखसे पैदा किया ।
7- पुलहको नासिकासे पैदा किया ।
8- भृगुको त्वचासे पैदा किया ।
9- क्रतुको हाँथसे पैदा किया ।
10-दक्षको अंगूठेसे पैदा किया ।
11-कर्मद को अपनीं छायासे पैदा किया ।
12- स्वायम्भुव मनु ( पहले मनु : इस समय सातवें मनुका समय चल रहा है ) और सतरूपा उस समय पैदा हुए जब ब्रह्मा का शरीर दो भागों में विभक्त हो गया था । स्वयाम्भिव मनु और सतरूपा से मैथुन धर्म से प्रजा बृद्धि का काम शुरू हुआ था ।
** शेष भाग -02 में देखा जा सकता है **
~~~ ॐ ~~~